मैं आज भारतवासी मैं आज भारतवासी
मुझे यकीन है गांव की स्त्रियां... एक दिन ऐसा इतिहास रचेगी । मुझे यकीन है गांव की स्त्रियां... एक दिन ऐसा इतिहास रचेगी ।
तब घंटों बैठे बातें भी करते थे, अब बैठना छोड़ो मिलने ना देते. तब घंटों बैठे बातें भी करते थे, अब बैठना छोड़ो मिलने ना देते.
बचपन मे पिता माता के उम्मीदें तो होते, उसमे खरा उतरने की कोशिश करते। बचपन मे पिता माता के उम्मीदें तो होते, उसमे खरा उतरने की कोशिश करते।
और नफरतों से भरी दुनिया में प्रेम की फुहार का। और नफरतों से भरी दुनिया में प्रेम की फुहार का।
कभी रुकना ना अब तुम तुम्हे देना है तो जवाब. कभी रुकना ना अब तुम तुम्हे देना है तो जवाब.